1. सर्व समस्या समाधान में श्री श्री ठाकुर
सर्व समस्या समाधान में - 2 आये हैं करतार ।
एक बार चलकर देखो -2 देवघर लगा है दरबार ।।
सर्व समस्या समाधान में ...............
ठाकुर जी की ऐसी वाणी धर्म पिपासु पिबै पानी,-2
शरण में जावै, दुःख विसरावे, सुनकर श्रीमुख अमृत वाणी -2
नेता अभिनेता मंत्री हो -2 चाहे हो सरकार
एक बार चलकर देखो -2 .........
कैसे होंगे श्रद्धावान हम, सुकेंद्रित कुशल कर्मी -2
कैसे होगी देवभूमि पर, देव संतान पराक्रमी -2
कैसा होगा चाल - चलन,-2 कैसा हो परिवार
एक बार चलकर देखो -2 .........
स्वामी की झोंक में चलन नारी , होती श्रेष्ठ लडके की माँ -2
इष्ट की झोंक चलन से स्वामी, बनते प्रज्ञा अनुपमा -2
ऐसे ऐसे मंत्र बताते -2 मानव सृजनहार
एक बार चलकर देखो -2 .........
इष्ट स्वार्थ से भजन दीप्त से , जीवन में आती भक्ति -2
यजन याजन इष्ट भृति करके प्राप्त करो ऐसी शक्ति -2
घर -घर जाकर याजन करो,-2 क्यों बैठो हो लाचार
एक बार चलकर देखो -2 .........
Lyrics: Sri Manjesh Kumar Thakur
(Mohan Garden, Shiv Vihar Satsangi )
New Delhi - 110059
1. पावना के है किशन कन्हैया ..............
पावना के है किशन कन्हैया, देवघर के गिरधारी है।
ठाकुर जी के हाथ पकड़ लो, कलयुग के अवतारी है।।
पावना के है किशन कन्हैया ..............................
यजन याजन इष्ट भृति कराते, बचना बढ़ना सिखाते ..
गिरने पर वो दौड़ के आते ... दोनों हाथों से उठाते
उनके जैसा परम दयाल अब तक न हुआ नरधारी है
ठाकुर जी के हाथ पकड़ लो, कलयुग के अवतारी है।।
यह हर सच्चे भारतीय की पुकार है।
आज हम जहाँ खड़े है वो पुन्य धरती है
इस धरती को किसी राम या कृष्ण का इन्तेजार है।
बहुत दुःख होता ये देख कर की कोई किसी की
क्यों नहीं सुनता ? क्यों हर शक्श यहाँ लाचार है?
क्या मानव मानव से प्रेम नहीं करता?
यदि करता है तो क्यों एक दुसरे का शिकार है?
क्यों हम चोरो से इज्जत की उम्मीद करते है?
जिनकी इज्जत ही सौदा और इज्जत ही आहार है?
- श्याम बाबु गुप्ता
समय किसी का नहीं रे भैया || - 2
चलाना -फिरना , पढ़ना-लिखना -2
हंसना -रोना , खेलना-कूदना
सब सिखा दे वही रे भैया ||
कलयुग दुःख भंजन ठाकुर जी ।
मनमोहिनी नंदन ठाकुर जी ।।
तुम पर बलिहारी ठाकुर जी ।
सब नर और नारी ठाकुर जी ।।
बचना बढ़ना सिखाते ठाकुर जी ।
संमार्ग दिखाते ठाकुर जी ।।
है नर में नारायण ठाकुर जी ।
मेरे धर्म परायण ठाकुर जी ।।
इनसा न समानी कोई ठाकुर जी ।है पुरुष अनामी मेरे ठाकुर जी ।।
भजन :
जिसके दर्शन को तरसते -2 कोटि-कोटि जीवधारी |
वही आज धरा पर आये -2 कलयुग के अवतारी ||
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
अनुकूल रूप अति मनमोहन, इनके नाम से विश्व भुवन
कण-कण में है लीला जिनकी, करते वर्धन सबका जीवन
वही आज बचाने आये -2 द्वापर के गिरधारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
ये ही है वो परम पुरुष, जो जीवन के आधार है
लोक अनामी है जिनका बसेरा जो अगम अपार है
वही आज दया कर आये -2 बनके नरधारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
कल्कि पुरुष का कल्कि रूप कल्कि है जिनका नाम
पबना में अवतार लिए है -2 देवघर बनाये धाम
वही अनामी जीवन स्वामी - 2 राधा संग बिहारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
जिसके दर्शन को तरसते -2 कोटि-कोटि जीवधारी |
वही आज धरा पर आये -2 कलयुग के अवतारी ||
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2 हो............ओ ...
सर्व समस्या समाधान में - 2 आये हैं करतार ।
एक बार चलकर देखो -2 देवघर लगा है दरबार ।।
सर्व समस्या समाधान में ...............
ठाकुर जी की ऐसी वाणी धर्म पिपासु पिबै पानी,-2
शरण में जावै, दुःख विसरावे, सुनकर श्रीमुख अमृत वाणी -2
नेता अभिनेता मंत्री हो -2 चाहे हो सरकार
एक बार चलकर देखो -2 .........
कैसे होंगे श्रद्धावान हम, सुकेंद्रित कुशल कर्मी -2
कैसे होगी देवभूमि पर, देव संतान पराक्रमी -2
कैसा होगा चाल - चलन,-2 कैसा हो परिवार
एक बार चलकर देखो -2 .........
स्वामी की झोंक में चलन नारी , होती श्रेष्ठ लडके की माँ -2
इष्ट की झोंक चलन से स्वामी, बनते प्रज्ञा अनुपमा -2
ऐसे ऐसे मंत्र बताते -2 मानव सृजनहार
एक बार चलकर देखो -2 .........
इष्ट स्वार्थ से भजन दीप्त से , जीवन में आती भक्ति -2
यजन याजन इष्ट भृति करके प्राप्त करो ऐसी शक्ति -2
घर -घर जाकर याजन करो,-2 क्यों बैठो हो लाचार
एक बार चलकर देखो -2 .........
Lyrics: Sri Manjesh Kumar Thakur
(Mohan Garden, Shiv Vihar Satsangi )
New Delhi - 110059
1. पावना के है किशन कन्हैया ..............
पावना के है किशन कन्हैया, देवघर के गिरधारी है।
ठाकुर जी के हाथ पकड़ लो, कलयुग के अवतारी है।।
पावना के है किशन कन्हैया ..............................
यजन याजन इष्ट भृति कराते, बचना बढ़ना सिखाते ..
गिरने पर वो दौड़ के आते ... दोनों हाथों से उठाते
उनके जैसा परम दयाल अब तक न हुआ नरधारी है
ठाकुर जी के हाथ पकड़ लो, कलयुग के अवतारी है।।
यह हर सच्चे भारतीय की पुकार है।
आज हम जहाँ खड़े है वो पुन्य धरती है
इस धरती को किसी राम या कृष्ण का इन्तेजार है।
बहुत दुःख होता ये देख कर की कोई किसी की
क्यों नहीं सुनता ? क्यों हर शक्श यहाँ लाचार है?
क्या मानव मानव से प्रेम नहीं करता?
यदि करता है तो क्यों एक दुसरे का शिकार है?
क्यों हम चोरो से इज्जत की उम्मीद करते है?
जिनकी इज्जत ही सौदा और इज्जत ही आहार है?
- श्याम बाबु गुप्ता
समय किसी का नहीं रे भैया || - 2
चलाना -फिरना , पढ़ना-लिखना -2
हंसना -रोना , खेलना-कूदना
सब सिखा दे वही रे भैया ||
कलयुग दुःख भंजन ठाकुर जी ।
मनमोहिनी नंदन ठाकुर जी ।।
तुम पर बलिहारी ठाकुर जी ।
सब नर और नारी ठाकुर जी ।।
बचना बढ़ना सिखाते ठाकुर जी ।
संमार्ग दिखाते ठाकुर जी ।।
है नर में नारायण ठाकुर जी ।
मेरे धर्म परायण ठाकुर जी ।।
इनसा न समानी कोई ठाकुर जी ।है पुरुष अनामी मेरे ठाकुर जी ।।
भजन :
जिसके दर्शन को तरसते -2 कोटि-कोटि जीवधारी |
वही आज धरा पर आये -2 कलयुग के अवतारी ||
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
अनुकूल रूप अति मनमोहन, इनके नाम से विश्व भुवन
कण-कण में है लीला जिनकी, करते वर्धन सबका जीवन
वही आज बचाने आये -2 द्वापर के गिरधारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
ये ही है वो परम पुरुष, जो जीवन के आधार है
लोक अनामी है जिनका बसेरा जो अगम अपार है
वही आज दया कर आये -2 बनके नरधारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
कल्कि पुरुष का कल्कि रूप कल्कि है जिनका नाम
पबना में अवतार लिए है -2 देवघर बनाये धाम
वही अनामी जीवन स्वामी - 2 राधा संग बिहारी
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2
हो............ओ ...
जिसके दर्शन को तरसते -2 कोटि-कोटि जीवधारी |
वही आज धरा पर आये -2 कलयुग के अवतारी ||
ॐ ठाकुर , जय ठाकुर , नमो ठाकुर , श्री श्री ठाकुर -2 हो............ओ ...
JAYGURU
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